रेकी क्या है? जानिए इसके फायदे और प्रॉसेस
रेकी एक जैपनीज टेक्नीक है जिसका उपयोग तनाव को कम करने और रिलैक्सेशन के लिए किया जाता है। 1800 में जापान में इस थेरिपी की शुरुआती हुई थी। रेकी वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप है जिसे आमतौर पर ऊर्जा उपचार के रूप में जाना जाता है। इसमें प्रेक्टिशनर हथेली के द्वारा यूनिवर्सल एनर्जी को मरीज में ट्रांसफर करते हैं। एनर्जी हीलिंग का उपयोग कई देशों में अलग-अलग रूपों में किया जाता है। रेकी शब्द दो जापानी शब्दों से बना है – ‘रेई’ जिसका अर्थ है “ईश्वर की बुद्धि या उच्च शक्ति” और ‘की’ जो “जीवन शक्ति ऊर्जा” है। तो रेकी वास्तव में “आध्यात्मिक रूप से निर्देशित जीवन शक्ति ऊर्जा है।”
रेकी थेरिपी को लेकर कई विवाद भी हुए हैं क्योंकि साइंस के हिसाब से यह कितनी असरकारक है साबित करना मुश्किल है। हालांकि, कई लोग जिन्होंने रेकी थेरिपी ली है उनका कहना है कि ये टेक्नीक काम करती है और इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ रही है। अमेरिका में लगभग 12 लाख युवा हर साल रेकी या इसी तरह की कोई थेरिपी लेते हैं। 60 हॉस्पिटल्स अपने मरीजों को रेकी थेरिपी ऑफर करते हैं।
कई प्रकार की प्राकृतिक चिकित्सा इस विश्वास पर आधारित है कि प्रत्येक व्यक्ति के पास “बायोफिल्ड” है। आपके शरीर के ठीक बाहर एक ऊर्जा क्षेत्र है। जब इसके साथ कुछ गड़बड़ होता है, तो आप बीमार हो जाते हैं या ठीक महसूस नहीं करते हैं। रेकी, एक्यूपंक्चर, ताई ची, और योग सभी बायोफील्ड के विचार के आसपास केंद्रित हैं। वे दबाव, गति, या श्वास के माध्यम से इसके संतुलन को बहाल करने के लिए काम करते हैं।
रेकी उपचार वैकल्पिक चिकित्सा की एक लोकप्रिय पद्धति है। इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। रेकी उपचार से तनाव कम होता है व मनोदशा बदलती है। शरीर के रोगों में राहत मिलती है और कुछ बड़े रोगों के लक्षणों से बचाव होता है।
रेकी – एक वैकल्पिक चिकित्सा यंत्र है जो मानव शरीर को रोग-मुक्त करने के लिए की जाती है। इस उपचार-विधि के अनुसार, मानव शरीर में 7 चक्र और जीवन-ऊर्जा या प्राण होते हैं, जो एक दूसरे के माध्यम से ही बहते हैं। … रेकी चिकित्सा इन चक्रों को खोलती व जागृत करती है, जिस कारण शरीर को आराम मिलता है व पीड़ा कम होती है।
कैसे काम करती है रेकी थेरिपी?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जब एक रेकी प्रोफेशनल आपके शरीर के ऊपर हाथ रखता है तो यह कमजोर बायोफील्ड को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। दूसरों का मानना है कि यह आपके शरीर को तनाव से मुक्त कराकर बेहतर महसूस कराता है। रेकी दर्द, नींद से जुड़ी समस्याएं, चिंता, डिप्रेशन, टेंशन, जी मिचलाना इसके अलावा कुछ लोग इसकी मदद से धीमी हार्ट रेट, लो ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस हॉर्मोन में कमी का भी अनुभव करते हैं। इसके अलावा उनका इम्यून सिस्टम अच्छी तरह काम करने लगता है।
कई बार रेकी निम्न कंडिशन में भी मददगार साबित हो सकती है।
- कैंसर
- क्रोनिक पेन
- हार्ट डिजीज
- डिप्रेशन
- इनफर्टिलिटी
- ऑटिज्म
- क्रोहन डिजीज
- फटीग सिंड्रोम
रेकी करवाने वाले लोग अक्सर निम्न अनुभव शेयर करते हैं।
- रिफ्रेश फील करना है
- सोच का स्पष्ट हो जाना
- सिर दर्द का ठीक होना
- कैंसर के मरीज जो इस थेरिपी का उपयोग करते हैं वे इसके बाद बेहतर महसूस करते हैं क्योंकि यह रिलैक्स होने में मदद करती है। इससे उनका डर और तनाव दूर होता है।
रेकी चिकित्सा का विकास
रेकी तकनीक द्वारा शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। रेकी तकनीक द्वारा कई रोगों का इलाज आदमी अपने-आप कर सकता है। इस चिकित्सा पद्धति का विकास उन्नीसवीं शताब्दी में जापान में हुआ था। भारत में यह चिकित्सा पद्धति बीसवी सदी में आयी। शारीरिक एवं भावनात्मक रूप से शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आपके शरीर में इस उर्जा को संतुलित रूप से बंटा रहना चाहिए। किसी भी कारण से इस उर्जा के प्रवाह में बाधा आने से आपका शरीर कई बीमारियों का शिकार होने लगता है।
रेकी से जुड़ी रिसर्च में इस थेरिपी के पाए गए ये फायदे
2010 में की गई एक स्टडी के मुताबिक रेकी ट्रीटमेंट्स को डिप्रेशन से राहत के लिए प्लान किया गया था। रिचर्स में पाया गया एडल्ट्स पर रेकी थेरिपी दर्द, डिप्रेशन और एंजायटी से राहत दिलाने में इफेक्टिव है। इसमें शामिल हुए लोगों ने अपने शारीरिक लक्षणों और मूड में सुधार होने की बात कही थी। साथ ही उन्हें रिलैक्सेशन का अहसास हुआ और खुद की केयर करने की भावना भी पैदा हुई। हालांकि इस पर अभी और रिसर्च किए जाने की संभावना है।
जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाता है
रेकी के सकारात्मक लाभ आपकी जीवन की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं। 2016 के एक छोटे से अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि रेकी कैंसर से पीड़ित महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक थी। जिन महिलाओं ने रेकी की थी, उनके नींद के पैटर्न, आत्मविश्वास और अवसाद के स्तर में सुधार दिखा। उन्होंने शांत, आंतरिक शांति और विश्राम की भावना का उल्लेख किया। हालांकि, इन निष्कर्षों पर विस्तार करने के लिए बड़े अध्ययन की आवश्यकता है।
1- रेकी से तन-मन को लाभ
रेकी एक वैकल्पिक और प्राकृतिक चिकित्सा विधि है। यह एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ होता है जीवन शक्ति-प्राण शक्ति। यह शक्ति हम सभी लोगों के पास होती है और हमारा जीवन इस शक्ति पर ही चलता है। रेकी उपचार में हाथों की हथेलियों से छूकर उपचार किया जाता है इसलिए यह पद्धति स्पर्श चिकित्सा की श्रेणी में आती है। रेकी उपचारक के हाथों की दोनों हथेलियों से रेकी ऊर्जा प्रवाहित होती है, जो छूने पर स्वयं उसको या दूसरे व्यक्ति को उपचार में सहायता पहुंचाती है। रेकी उपचार से हृदय रोग, कैंसर, अस्थि भंग, अनिद्रा, थकान, सिरदर्द, चर्म रोग, डिप्रेशन आदि में फायदा पहुंचता है।
2- तनाव से छुटकारा।
रेकी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह तनाव के स्तर को कम करती है। और आपको आराम महसूस होता है दरअसल, ये जापानी ऐनर्जी हीलिंग थेरेपी आपके शरीर को शांत करने और तनाव को कम करने के लिए तैयार की गई है। आप रेकी के पहले स्तर पर ही इसका ये फायदा पा सकते हैं।
3- मनोदशा में बदलाव
मनोदशा या मूड बदलना काफी हद तक उदासी और चिंता से जुड़ा हुआ है। रेकी से मूड पूरी तरह बदला जा सकता है। इसके फायदे नकारात्मक मनोदशा वाले लोगों को अधिक होते हैं। जब एक बार आपकी मनोदशा बेहतर होने लगती है तो आपकी चिंताएं भी दूर होने लगती हैं। साथ ही साथ, आपका गुस्सा और चिड़चिड़ापन दूर करने में भी रेकी उपचार से मदद मिलती है।
4 – शारीरिक रोगों में राहत
भावनात्मक और मानसिक लाभ के अलावा, रेकी उपचार से शारीरिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। बहुत सारे लनी शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए अन्य वैकल्पिक चिकित्साओं का सहारा लिया, अंत में उन्हें रेकी से ही फायदा मिला। शरीर में जीवन ऊर्जा के बढ़ जाने से इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती मिलती है और शरीर के बहुत सारे अंगों में संतुलन बनता है। थकान, कटिस्नायुशूल, सिरदर्द, गठिया, दमा, अनिद्रा, और रजोनिवृत्ति के से जुड़े लक्षणों में रेकी से लाभ मिलता है।
5 – हर उम्र के लिए लाभकारी
किसी भी शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक समस्या के उपचार के लिए रेकी सब लोगों के लिए हर जगह उपलब्ध है। नवजात से लेकर बुजुर्ग तक, हर उम्र के लोग रेकी उपचार का लाभ उठा सकते हैं। यहां तक कि पालतु जानवरों को भी रेकी से फायदा पहुंचता है, बिल्कुल उसी तरह जिस तरह इंसानों को। इसके साथ ही, रेकी का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता।
6- भविष्य की समस्याओं से बचाव
हालांकि रेकी का इस्तेमाल वर्तमान की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। लेकिन, रेकी से अतीत के ऐसे दुखों या समस्याओं का समाधान भी किया जा सकता है जो आपके विकास में बाधा डाल रही हो या आपके शरीर, मन और आत्मा को प्रभावित कर रही हो। उपचार का ये रूप भविष्य में होने वाली समस्याओं का बचाव भी कर सकता है। रेकी के सारे स्तर का अनुभव कर चुके उपचारकों ने ये माना है कि रेकी से भविष्य में आने वाली समस्याओं का बचाव मुमकिन है।
7- गंभीर रोगों से बचाव
रेकी, या कोई और मानसिक-शारीरिक थैरेपी कैंसर का इलाज नहीं कर सकती। लेकिन, वो उससे जुड़े लक्षणों का इलाज कर सकती है। कैंसर से जुड़े लक्षण, जैसे कि डिप्रेशन, दर्द और थकान, इनके लिए रेकी फायदेमंद होती है। इसी तरह रेकी से अस्थमा व गठिया में भी राहत महसूस की जा सकती है।
8- भावनात्मक स्वष्टता और आध्यात्मिक विकास
रेकी सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक उपचार भी है। रेकी का एक सबसे बड़ा प्रभाव ये है कि ये आपकी प्यार करने की क्षमता बढ़ाती है, इससे आप लोगों के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं। ये आपके रिश्ते को मजबूत बना सकती है। रेकी आंतरिक शांति पैदा करती है, जो कि आध्यात्मिक विकास के लिए जरूरी है। ये आपकी भावनाओं को शुद्ध बनाती है।
क्रॉनिक पेन को ठीक करती है रेकी थेरेपी (Reiki cures chronic pain)
रेकी जापानी शब्द है जो दो शब्दों से मिलकर बना है। रे और की। रे का मतलब है प्राणशक्ति और की का मतलब है ऊर्जा। यानी ऊर्जा की मदद से दर्द का निवारण। इस थेरेपी से क्रॉनिक पेन दूर होता है। क्रॉनिक पेन वो दर्द है जो लंबे समय से आपके शरीर में बना है। ये दर्द कई हफ्तों से लेकर कई सालों का भी हो सकता है। कई लोगों को लंबी बीमारी का गंभीर चोट के चलते कई साल दर्द का शिकार बने रहना पड़ता है ऐसे में आप रेकी तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये दर्द कैंसर, अर्थराइटिस, फाइबोमाइलगिया, स्पाइन या किसी और अन्य बीमारी के चलते भी हो सकता है। जिन लोगों को शरीर के किसी हिस्से में असहनीय दर्द है जिसे छूना भी मुमकिन नहीं है वो लोग इस थेरेपी को ले सकते हैं क्योंकि इस थेरेपी में दूर से ही आपको थेरेपी दी जाती है, इसमें छूने की जरूरत नहीं पड़ती इसलिए इस थेरेपी को नो-टच थेरेपी भी कहा जाता है।
रेकी थेरेपी से दर्द को कैसे ठीक किया जाता है? (Reiki can heal body pain caused by accident or disease)
रेकी जपान की तकनीक है जिसमें एनर्जी की मदद से दर्द ठीक किया जाता है। इसे एक कॉम्प्लिमेंट्ररी हेल्थ थेरेपी के तौर पर देखा जाता है। इसमें नैचुरल तरीके से दर्द ठीक किया जाता है। रेकी तकनीक काफी हद तक दर्द, टेंशन या स्ट्रेस को कम करने में कारगर है। कैंसर के मरीजों को खासकर ये थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है। साल 2015 में हुई एक रिसर्च के दौरान कैंसर के मरीजों पर रेकी तकनीक का असर देखने के लिए एक्सपेरिमेंट किया गया। शोध में ये बात सामने आई कि थेरेपी लेने वाले लोगों का दर्द काफी हद तक कम हुआ वहीं गर्भवती महिलाओं पर भी साल 2015 में किए गए शोध में ये बात सामने आई कि थेरेपी लेने वाली महिलाओं को डिलीवरी के बाद आराम मिला।
रेकी थेरेपी का शरीर पर क्या असर पड़ता है? (Effect of reiki therapy on body)
कई बार तेज दर्द होने पर हम डिप्रेशन में चले जाते हैं। रेकी के इस्तेमाल से आपको दर्द से तो मुक्ती मिलेगी ही साथ ही आपका मन भी शांत होगा और डिप्रेशन कम होगा। रेकी थैरेपी से सेल्फ-कॉन्फिडेंस बढ़ता है। दिमाग शांत होता है जिससे बॉडी पेन का अहसास भी दूर होता है। रेकी को आप सिर दर्द, टेंशन दूर करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस थेरेपी से मूड भी अच्छा रहता है। रेकी एक्सपर्ट आपकी बॉडी के आसपास अपने हाथों को घुमाएगा। उनके हाथ आपकी बॉडी को हल्के से छू सकते हैं या आपको केवल ऊपर से महसूस होगा। सेशन के बाद आपको बॉडी में गर्मी या झुनझुनी जैसे सेंसेशन हो सकते हैं। कुछ लोग सेशन के दौरान पुरानी यादों को भी याद करने की बात बताते हैं। आपके अनुभव और गहरे होते जाते हैं अगर आप लंबे समय से रेकी सेशन ले रहे हैं।
रेकी सेशन कितनी देर का होता है? (Duration of reiki therapy)
पहले अपॉइंटमेंट में आप रेकी एक्सपर्ट से मिलेंगे, उन्हें अपना परिचय देंगे और रेकी सेशन से आपकी उम्मीदों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा आपको रेकी सेशन का प्रोसेस बताया जाएगा। आप अगर किसी बीमारी या चोट के दर्द को ठीक करने के लिए रेकी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको एक्सपर्ट को अपने लक्षण और दर्द की तीव्रता आदि की जानकारी देनी होगी। रेकी सेशन में आपको एक टेबल या मैट पर लेटने के लिए कहा जाएगा। आपके ऊपर एक चादर डाली जाएगी और कई सेशन में रिलैक्सिंग म्यूजिक बैकग्राउंड में बजता रहता है। सेशन में एक्सपर्ट आपसे बात नहीं करेंगे पर अगर आप उनसे कुछ शेयर करना चाहते हैं तो आप सेशन के दौरान कह सकते हैं जैसे आप शरीर के किस हिस्से में ज्यादा फोकस करना चाहते हैं आदि।
सेशन से पहले और बाद में क्या करें? (Before and after of a Reiki session)
सेशन में जाने से पहले आपको साफ और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए। सेशन में कोशिश करें कि कपड़े ढीले हों। आप कॉटन, लिनेन पहन सकते हैं। इसके अलावा जूते उतार दें, गहने और चश्मे भी उतारकर रख दें। अगर आपके पास मोबाइल है तो उसे सेशन शुरू होने से पहले बंद कर दें। ये शांति भंग कर सकता है। सेशन के बाद आपको बहुत सारा पानी पीना चाहिए। कुछ लोगों को सेशन के बाद शांति, शरीर में एनर्जी का अहसास होता है वहीं कुछ लोगों को सेशन के बाद थकान होती है।
रेकी में क्रिसटल्स का इस्तेमाल क्यों होता है? (Use of crystals during reiki)
रेकी तकनीक में क्रिसटल्स का इस्तेमाल होता है। क्रिसटल्स की मदद से दर्द कम किया जाता है। इसका साइकोलॉजिकल इफेक्ट मरीज पर पड़ता है। रेकी के लिए कई तरह के क्रिसटल्स इस्तेमाल किए जाते हैं जिनमें रोज़ क्वॉर्टस, एमिथिएस्ट, टोपॉज़, टोरमलाइन, एक्वामेरीन आदि शामिल हैं। क्रिसटल्स को मरीज के शरीर के ऊपर या उसके पास रखा जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे मरीज को आराम मिलता है।
रेकी थेरिपी कैसे दी जाती है?
सामान्य तौर पर नीचे बताई जा रही प्रॉसेस को रेकी थेरिपी के दौरान फॉलो किया जाता है। एक पूरे रेकी सेशन को कंप्लीट होने में 20-90 मिनिट लगते हैं।
- जब आप किसी रेकी प्रोफेशनल के पास पहुंचते हैं तो वह आपको सबसे पहले पूरी प्रॉसेस के बारे में जानकारी देता है।
- रेकी एक्सपर्ट आपसे यह भी पूछेगा कि आपके शरीर में ऐसी कोई जगह है जिस पर आप ज्यादा फोकस करना चाहते हैं।
- साथ ही इस बात की भी जानकारी ली जाएगी कि बॉडी का कोई पार्ट छूने के लिए सेंसटिव तो नहीं साथ ही आपकी कोई इंजुरी तो नहीं हुई है।
- इसके बाद आपको रेकी टेबल या मेट पर लेटने या चेअर पर बैठने के लिए कहा जाता है।
- आपको एक कंबल से ढका जाता है (हर बार ऐसा जरूरी नहीं)।
- रेकी प्रोफेशन आपकी बॉडी पर अलग-अलग पॉजिशन और सीक्वेंस में हाथ रखते या घुमाते हैं।
- मसाज की तरह रेकी में फिजिकल एक्टिविटीज ज्यादा नहीं होती हैं। साथ ही कपड़े उतारने की जरूरत नहीं होती।
- बॉडी के प्राइवेट पार्ट्स को टच नहीं किया जाता।
- सेशन के दौरान आपको ठंडा या गर्म का अहसास हो सकता है। आपको गुदगुदी या पेट में कुलबुलाहट महसूस हो सकती है।
रेकी करवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
- रेकी चिकित्सा का एक प्राकृतिक रूप है, जो अच्छी भावनाओं और अच्छी एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। इसमें कोमल स्पर्श का उपयोग होता है, तीव्र या आक्रामक स्पर्श का नहीं।
- रेकी थेरिपी का लाभ लेने से पहले प्रोफेशनल की विश्वसनीयता, प्रशिक्षण और पेशेवर एसोसिएशन की सदस्यता के बारे में सवाल जरूर करें।
- किसी भी ऐसे रेकी थेरिपिस्ट पर भरोसा न करें जो कहते हैं कि वे गंभीर बीमारी का इलाज कर सकते हैं या आपको अन्य उपचारों को छोड़ने के लिए कहते हैं।
क्या रेकी के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं?
रेकी के कोई भी गंभीर साइड-इफेक्ट्स नहीं है। जो लोग पहले कभी किसी ट्रॉमा के शिकार रहे हैं ( जैसे अंधेरे कमरे में लेटना और किसी का एकदम नजदीक होना) तो वे लोग इससे थोड़ा अनकंफर्टेबल हो सकते हैं। रेकी में किसी डॉक्टर द्वारा अनुमोदित उपचार योजना को प्रतिस्थापित नहीं किया जाता है।
हमें उम्मीद है कि रेकी इसके फायदे और इससे जुड़ी प्रॉसेस को अब आप समझ गए होंगे। आपको बता दें कि रेकी थेरिपी का उपयोग खुद के लिए भी किया जा सकता है। इसमें किसी प्रेक्टिशनर की जरूरत नहीं होती है। घर पर इस थेरिपी को लिया जा सकता है। इसकी जानकारी आप किसी रेकी प्रोफेशनल से ले सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।
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