गर्भ गौरी (Garbh Gauri Rudraksha- 6 Divine Benefits, Power & importance) – लाभ, शक्तियाँ और महत्व

गर्भ गौरी रुद्राक्ष/ Garbh Gauri Rudraksha (जिसे गणेश गौरी रुद्राक्ष भी कहा जाता है) एक अत्यंत विशिष्ट और पवित्र रुद्राक्ष है, जिसमें दो रुद्राक्ष आपस में जुड़े होते हैं – एक बड़ा और एक छोटा। यह रुद्राक्ष माता पार्वती और भगवान गणेश के संयुक्त आशीर्वाद का प्रतीक है। इस रुद्राक्ष में न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सद्भाव, समृद्धि और शांति भी लाता है।

गर्भ गौरी रुद्राक्ष के महत्व और लाभ: Garbh Gauri Rudraksha Divine Power & Benefits

माता पार्वती और भगवान गणेश का आशीर्वाद:

  • इस रुद्राक्ष में माता पार्वती का प्रतीक बड़ा रुद्राक्ष होता है, जबकि भगवान गणेश का प्रतीक छोटा रुद्राक्ष होता है। इससे यह रुद्राक्ष दोनों की आशीर्वाद को एक साथ प्राप्त करने का माध्यम बनता है।
  • माता पार्वती की कृपा से सद्भावना, सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है, जबकि भगवान गणेश की कृपा से विघ्नों का नाश और सफलता मिलती है।

2. संतान सुख और संतान प्राप्ति:

  • गर्भ गौरी रुद्राक्ष का एक प्रमुख लाभ यह भी है कि यह संतान सुख के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। जो लोग संतान प्राप्ति में समस्या का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष बेहद कारगर हो सकता है।
  • इसे धारण करने से संतान प्राप्ति के साथ-साथ संतान के स्वास्थ्य और कल्याण की भी कामना की जाती है।

3. विघ्नों का नाश:

  • भगवान गणेश को विघ्नों के नाशक और बाधाओं को दूर करने वाला देवता माना जाता है। गर्भ गौरी रुद्राक्ष का नियमित रूप से धारण करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं का नाश होता है और वह सफलता की ओर अग्रसर होता है।

4. मानसिक शांति और स्थिरता:

  • इस रुद्राक्ष को धारण करने से मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है। यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो मानसिक तनाव, अवसाद, या किसी अन्य मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं।

5. सौभाग्य और समृद्धि:

  • गर्भ गौरी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ है जो व्यापार या आर्थिक स्थिति में सुधार चाहते हैं।

6. आध्यात्मिक उन्नति:

  • यह रुद्राक्ष आध्यात्मिक साधना और प्रभु के प्रति भक्ति को बढ़ावा देता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान में गहरी समझ प्रदान करता है, जिससे उसे आत्मा की वास्तविकता का अनुभव होता है।

गर्भ गौरी रुद्राक्ष से मां और संतान के बीच मधुर संबंध के लिए लाभ: Garbh Gauri Rudraksha uses for mother and child bond

मधुर संबंधों की स्थापना:

  • गर्भ गौरी रुद्राक्ष (Garbh Gauri Rudraksha) को मां और संतान के बीच मधुर संबंध बनाने के लिए भी धारण किया जाता है। यह रुद्राक्ष मां और संतान के बीच भावनात्मक और मानसिक संतुलन बनाए रखता है, जिससे दोनों के बीच एक गहरा और सशक्त संबंध स्थापित होता है। विशेष रूप से यह रुद्राक्ष उस समय अधिक प्रभावी होता है जब मां की संतान के साथ भावनात्मक और शारीरिक दूरी हो।

2. गर्भपात से सुरक्षा:

  • यह रुद्राक्ष गर्भवती महिलाओं को गर्भपात के खतरे से बचाता है। यह गर्भधारण के पहले से लेकर अंतिम चरण तक सुरक्षा प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह रुद्राक्ष बेहद लाभकारी है क्योंकि यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है और गर्भ में पल रहे बच्चे को भी सुरक्षित रखता है।

3. आसान प्रसूति और आरामदायक प्रसव:

  • गर्भ गौरी रुद्राक्ष को धारण करने वाली गर्भवती महिला की प्रसूति (delivery) का समय आसान और आरामदायक होता है। यह रुद्राक्ष महिला को प्रसव के दौरान मानसिक रूप से शांति और शारीरिक रूप से ताकत प्रदान करता है, जिससे प्रसव कष्टमुक्त और सरल होता है। यह रुद्राक्ष गर्भवती महिला को प्रसव के दौरान सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करता है।

गर्भ गौरी रुद्राक्ष से राहु-केतु दोष से मुक्ति: Garbh Gauri Rudraksha for removal of Rahu Ketu Dosha

  1. राहु-केतु की पीड़ा से राहत: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु का दुष्प्रभाव हो, तो उसे गर्भ गौरी रुद्राक्ष (Garbh Gauri Rudraksha for removal of Rahu Ketu Dosha) धारण करना चाहिए। यह रुद्राक्ष राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन में शांति और संतुलन लाता है। इसके प्रभाव से मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है, जो जीवन में बेहतर फैसले लेने की क्षमता बढ़ाता है।

कैसे पहनें और उपयोग करें गर्भ गौरी रुद्राक्ष: How To Wear Garbh Gauri Rudraksha

  1. धारण विधि:
    1. इस रुद्राक्ष को गले में धारण किया जाता है। इसे सोने, चांदी, या तांबे की अंगूठी या धागे में पिरोकर पहना जा सकता है।
    1. यदि गर्भवती महिला इसे पहनती है तो इसे विशेष ध्यान से पहना जाए, और केवल दाएं हाथ में पहनने की परंपरा है।
  2. पूजा विधि:
    1. गर्भ गौरी रुद्राक्ष को पहनने से पहले भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा करें। ॐ गर्भ गौरी महात्मने नमः या ॐ मातरि पार्वत्यै नमः मंत्र का जाप करते हुए इसे पहनना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
  3. विशेष रूप से पूजा स्थल में रखना:
    1. इसे घर में पूजा स्थल में भी रखा जा सकता है। यह न केवल मां-बच्चे के लिए सुरक्षा का प्रतीक बनता है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है।

गर्भ गौरी रुद्राक्ष- विशेष: Garbh Gauri Rudraksha Importance

गर्भ गौरी रुद्राक्ष (Garbh Gauri Rudraksha Importance) एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र रुद्राक्ष है, जो विशेष रूप से संतान सुख, गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा, और मां और संतान के बीच अच्छे संबंध बनाने के लिए लाभकारी है। इसके धारण से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा, और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यदि कोई महिला गर्भधारण में कठिनाई का सामना कर रही हो, या यदि उसकी कुंडली में राहु-केतु का प्रभाव हो, तो गर्भ गौरी रुद्राक्ष एक शक्तिशाली उपाय है।

इसे धारण करने से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि यह प्रसव की प्रक्रिया को भी सहज और कष्टमुक्त बनाता है।

Author – Amit Pradhan

अगर आपको यह लेख पसंद आया हो या आप हमारे साथ कुछ जानकारी साझा करना चाहते हैं, तो कृपया नीचे दिए गए टिप्पणी अनुभाग में लिखें।

नीचे अपने विचार साझा करें। हमें आपसे सुनकर खुशी होगी।

हमारे सोशल चैनल्स पर हमें सब्सक्राइब करना न भूलें ताकि आप हमारे किसी भी अपडेट को मिस न करें।

ज्योतिष, अंकज्योतिष, और रेकी सेवाओं के लिए – हमसे संपर्क करें: +91 9324801420 या अपनी क्वेरी हमें भेजें: [email protected]

Find the information relevant? Visit our website to know more about such facts.

For an enquiry, write to us at  [email protected]

👉 If you liked this article or, then do write us in the comment section below.

For AstrologyNumerology, and Reiki Services contact us today!

We also deal in original quality and Certified Rudraksha, Crystals and Gems.

👉 Shop Now Original Rudraksha & Crystals

For more daily updates do like and Follow Us and keep visiting www.jaymahakaal.com

Like this article?

Share on Facebook
Share on Twitter
Share on Linkdin
Share on Pinterest