पितृपक्ष प्रारंभ विशेष २०२०
आत्मा जब अपने शरीर को त्याग कर सबसे पहले ऊपर उठती है तो वह पितृ लोक में जाती है ,वहाँ हमारे पूर्वज मिलते हैं अगर उस आत्मा के अच्छे पुण्य हैं तो ये हमारे पूर्वज भी उसको प्रणाम कर अपने को धन्य मानते हैं
आत्मा जब अपने शरीर को त्याग कर सबसे पहले ऊपर उठती है तो वह पितृ लोक में जाती है ,वहाँ हमारे पूर्वज मिलते हैं अगर उस आत्मा के अच्छे पुण्य हैं तो ये हमारे पूर्वज भी उसको प्रणाम कर अपने को धन्य मानते हैं
श्राद्ध में चांदी की महिमापितरों के निमित्त यदि चांदी से बने हुए या मढ़े हुए पात्रों द्वारा श्रद्धापूर्वक जलमात्र भी
Dakshinavarti shankh symbolises Goddess Laxmi and therefore is a symbol for fame and success. Worshipping this shankh makes a person’s life rich and prosperous. It brings success in business.
Instead of consecrating an Idol, place a betel nut and worship it symbolically as Shri Ganapati. The betel nut can be immersed in a small well or a stream.
गाजे बाजे के साथ गणपति बप्पा हमारे द्वार पर दस्तक देने आ रहे हैं। अधिकतर घरों में गणेशजी की प्रतिमा
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को इसे मनाया जाता है। नारद पुराण के अनुसार भगवान शिव ने देवी पार्वती द्वारा उत्पन्न बालक की गर्दन काट दी थी, जिसके बाद माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने उस बालक के धड़ में एक हाथी का सिर लगा दिया और इससे भगवान गणेश की उत्पत्ति हुई थी, तब से ही इस दिन को गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
Copyright © 2024 Jay Mahakaal Centre of Occult Science Pvt Ltd All Rights Reserved