गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gauri Shankar Rudraksha- 6 Benefits, Powerful uses & Significance) – लाभ, शक्तियाँ और महत्व

गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gauri Shankar Rudraksha)- यह रुद्राक्ष दांपत्य जीवन में खुशियाँ लाने के लिए अत्यंत उपयोगी माना जाता है। प्राकृतिक रूप से जुड़े दो रुद्राक्षों को गौरी शंकर रुद्राक्ष के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है की इस रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा प्राप्त होती है। जिस भी जातक का वैवाहिक जीवन ठीक ना चल रहा हो या जिन युवक, युवतियों के विवाह में विलम्ब हो रहा हो उन्हें गौरी शंकर रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।

गौरी शंकर रुद्राक्ष के लाभ: Gauri Shankar Rudraksha Benefits

  • यौन समस्याओं में लाभ:

गौरी शंकर रुद्राक्ष (Gauri Shankar Rudraksha) यौन संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह वीर्यवर्धक, ऊर्जा बढ़ाने और शारीरिक बल को मजबूत करने में मदद करता है।

  • मानसिक शांति और संतुलन:

इस रुद्राक्ष को धारण करने से मानसिक शांति और आंतरिक संतुलन मिलता है। यह तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है।

  • संतान प्राप्ति:

जिन व्यक्तियों को संतान सुख की प्राप्ति में समस्या हो, वे गौरी शंकर रुद्राक्ष का ध्यान और पूजा करके संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं। इसे संतान प्राप्ति के लिए विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।

  • स्वास्थ्य लाभ:

यह रुद्राक्ष शारीरिक विकारों, जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और शारीरिक थकान को दूर करने में मदद करता है। यह शरीर की समग्र ऊर्जा को बढ़ाने का कार्य करता है।

  • आध्यात्मिक उन्नति:

गौरी शंकर रुद्राक्ष का ध्यान करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होता है। यह शिव और पार्वती की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है।

  • शुभ प्रभाव:

इसे पहनने से घर में सुख-शांति का माहौल बनता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इसके नियमित प्रयोग से जीवन में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।

गौरी शंकर रुद्राक्ष का उपयोग: Gauri Shankar Rudraksha Uses

(Gauri Shankar Rudraksha) इसे सीधे तौर पर गहने के रूप में पहना जा सकता है, या इसे पूजा के समय मालाधारी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे विशेष रूप से ध्यान, पूजा या जप करते समय उपयोग किया जाता है, ताकि इसके सकारात्मक प्रभाव को अधिकतम किया जा सके।

यह ध्यान रखें कि गौरी शंकर रुद्राक्ष का प्रभाव व्यक्ति की आस्था और समर्पण पर निर्भर करता है। इसके साथ ही, इसे सही तरीके से धारण करने और पूजा करने की आवश्यकता होती है ताकि इसके फायदे मिल सकें।

गौरी शंकर रुद्राक्ष मन्त्र: Gauri Shankar Rudraksha Mantra to chant

(Gauri Shankar Rudraksha) इस रुद्राक्ष को धारण करने हेतु “ॐ अर्धनारीश्वराय नमः” का जाप करना चाहिए , यह मन्त्र एक अत्यधिक पवित्र मंत्र है, जो भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप की पूजा करने के लिए होता है। अर्धनारीश्वर भगवान शिव का वह रूप है, जिसमें वह आधे पुरुष (शिव) और आधे महिला (पार्वती) के रूप में दिखते हैं। यह रूप भगवान शिव और देवी पार्वती के अद्वितीय एकता और सामंजस्य का प्रतीक है।

अर्धनारीश्वर का रूप ब्रह्माण्ड में पुरुष और स्त्री के एकत्व का प्रतीक है। यह दिखाता है कि शिव और पार्वती एक दूसरे के बिना अधूरे हैं और उनके मिलन से ही सृष्टि का संचार होता है।

इस मंत्र का उच्चारण करने से मनुष्य में पुरुषत्व और स्त्रीत्व के बीच संतुलन स्थापित होता है, जिससे जीवन में सामंजस्य और शांति का अनुभव होता है।

Author – Amit Pradhan

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