चार मुखी रुद्राक्ष (4 Mukhi Rudraksha- Powerful Benefits, Importance and Mantra) के महत्त्व, लाभ और धारण मन्त्र

४ मुखी रुद्राक्ष (Char/ 4 Mukhi Rudraksha) ४ वेदों का प्रतिनिधित्व करते है, चार मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह बुध (Buddh/ Mercury) है, इस रुद्राक्ष को गुरु बृहस्पति (Brihaspati) और माँ सरस्वती की शक्तियों का प्रतिनिधि भी माना जाता है, गुरु बृहस्पति (Jupiter)की ऊर्जा से भरपूर यह रुद्राक्ष पहनने वाले को ज्ञान के चारों आयामों को खोल देता है। ये चार आयाम है – जागृत अवस्था, स्वप्न अवस्था, शुशुप्त अवस्था और तुरीय अवस्था। चार मुखी रुद्राक्ष (Four Faced Rudraksh) चारों दिशाओं का प्रतिनिधित्व भी करता है, इसलिए इसे धारण करने वाला चारों दिशाओं में सफलता प्राप्त करता है, यह रुद्राक्ष धारक को हर कार्य में विजय प्राप्ति दिलाते हुए मोक्ष की तरफ अग्रसर करता है।

चार मुखी रुद्राक्ष के महत्व ( 4 Mukhi Rudraksha Importance):

  • ४ मुखी रुद्राक्ष ज्ञान और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इसे धारण करने से बौद्धिक मंदता का ह्रास होता है और धारक अध्यात्म में अग्रसर होकर अंतर्दृष्टि प्राप्त करता है।
  • धारक को सरस, बुद्धिमान और तार्किक बनाता है।
  • विद्यार्थियों, विद्वानों, अध्यापकों, लेखकों, पत्रकारों और शोधकर्ताओं के लिए फायदेमंद होता है।

चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ (4 Mukhi Rudraksha Benefits):

  • परीक्षा में कामयाबी हेतु ४ मुखी रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
  •  गायकों और सार्वजनिक वक्ताओं को उनके क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक होता है।
  • धारक की बौद्धिक क्षमता का विकास करता है, बोलने की कला में पारंगत बनाता है, बच्चों की याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाता है।
  • ४ मुखी रुद्राक्ष धारक की सोच को संगठित और व्यवस्थित कर के व्यवहार और अभिव्यक्ति को सुधरता है।
  • जीव हत्या जैसे पापों से मुक्ति दिलाता है।

चार मुखी रुद्राक्ष के चिकित्सकीय लाभ ( 4 Mukhi Rudraksha’s Medical Benefits):

  • थाइरोइड ग्रंथि के कामकाज को नियमित कर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
  • गले में खराश को दूर करता है।
  • श्वसन प्रणाली में सुधार करता है।
  • अस्थमा, श्वसन संबंधी विकार जैसे ब्रोंकाइटिस इत्यादि बीमारियों को दूर करने में सहायक है।

चार मुखी रुद्राक्ष के चक्र से सम्बन्ध : (Chakra associated with 4 Mukhi Rudraksha)

चार मुखी रुद्राक्ष संचार कौशल में सुधार के लिए भी जाना जाता है, इसलिए विशुद्ध चक्र (Vishuddhi/Throat Chakra) चार मुखी रुद्राक्ष से जुड़ा हुआ है, और गले के चक्र को विशुद्ध चक्र के रूप में भी जाना जाता है जो हमारे शरीर में पांचवां चक्र है। चार मुखी रुद्राक्ष आपके संचार कौशल, रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता को बेहतर बनाने में आपकी मदद करता है क्योंकि ये सभी गुण बुध से जुड़े हैं। तो यह उन लोगों के लिए मददगार होगा जो संचार के क्षेत्र में हैं जैसे लेखक, वक्ता और शिक्षक। यह आप में क्षमता, स्मृति और निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाएगा जो कई प्रकार के व्यवसायों में सहायक होगा।

राशि विशेष:

मिथुन राशि (Mithun/ Gemini) वाले जातकों के लिए ये रुद्राक्ष विशेष रूप से उत्तम माना जाता है।

४ मुखी रुद्राक्ष मन्त्र: (4 Mukhi Rudraksha Mantra)

४ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मन्त्र है:

“ॐ ह्रीं नमः”

Author – Amit Pradhan

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