18 मुखी रुद्राक्ष/अठारह मुखी रुद्राक्ष (Atharah/ 18 Mukhi Rudraksha) को पृथ्वी के समान माना जाता है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति स्वस्थ, प्रसन्न एवं उत्तम स्वास्थ्य वाला रहता है। गर्भधारण को बनाए रखने के लिए यह रुद्राक्ष बहुत उपयोगी है। जिन महिलाओं का बार-बार गर्भपात हो जाता है उन्हें अपना गर्भ बरकरार रखने के लिए इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए। बच्चों के रोगों को दूर करने के लिए यह रुद्राक्ष बहुत उपयोगी है।
इन्हें पृथ्वी का भैरव भी कहा जाता है। यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जो खनन आदि से संबंधित हैं। यह लौह अयस्क, आभूषण, बिल्डर्स, वास्तुकला, संपत्ति लेन-देन (Property Dealing), ठेकेदारों और किसानी आदि व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है। इस रुद्राक्ष के धारकों पर ग्रहों के बुरे प्रभाव का असर नहीं होता है।
१८ मुखी रुद्राक्ष के महत्व (18 Mukhi Rudraksha Importance):
- १८ मुखी रुद्राक्ष धारक की सभी भौतिक इच्छाओं की पूर्ति में मददगार साबित होता है।
- धारक को हर प्रकार के काले जादू इत्यादि से बचाता है।
- यह स्वयं में खोई हुई शक्ति को पुनः प्राप्त करने में सहायता करता है।
- यह धारक को विनम्रता प्रदान करता है जिसके कारण वह अहंकार से दूर रहता है।
१८ मुखी रुद्राक्ष के लाभ (18 Mukhi Rudraksha Powerful Benefits):
- यह व्यक्ति को अधिक स्थिर एवं संगठित बनाता है।
- धारक में संतुलन, सहनशीलता और सहनशक्ति बढ़ाता है।
- यह पहनने वाले के जीवन से रुकावटें और बाधाओं को दूर करता है।
- यह एकाग्रता और इच्छा शक्ति को बढ़ाता है।
- यह शिक्षा और काम से संबंधित बड़े या परिवर्तनकारी निर्णय लेने में मदद करता है।
१८ मुखी रुद्राक्ष के चिकित्सकीय लाभ (18 Mukhi Rudraksha Medical Benefits):
- यह माँसपेशियों एवं अस्थि पंजरो की प्रणाली को मजबूत करता है।
- यह बवासीर, घुटने के दर्द और मोटापे के इलाज में मदद करता है।
- यह मानसिक असंतुलन का इलाज करने में मदद करता है।
- यह महिलाओं को समय से पहले प्रसव से बचाता है।
१८ मुखी रुद्राक्ष: चक्र से सम्बन्ध (Chakra associated with 18 Mukhi Rudraksha)
१८ मुखी रुद्राक्ष हमारे मूलाधार या रूट चक्र (Root Chakra) को सक्रिय करता है। इस चक्र के सक्रिय होने से हमें हर प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में संतुलन और समृद्धि आती है। यह रुद्राक्ष स्थिरता और सुरक्षा का अनुभव कराता है, जिससे व्यक्ति अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने में सक्षम होता है।
१८ मुखी रुद्राक्ष मन्त्र: 18 Mukhi Rudraksha Mantra To Chant
अठारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मन्त्र है: ‘ॐ ह्रीं हूं एकत्व रूपे हूं ह्रीं ॐ’ यह मन्त्र रुद्राक्ष धारण करने से पहले और बाद में जाप करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
१८ मुखी रुद्राक्ष: विशेष (18 Mukhi Rudraksha Special Power)
१८ मुखी रुद्राक्ष को १८ वनस्पतियों के समान माना जाता है। यह एक दुर्लभ रुद्राक्ष है, जो पृथ्वी से संबंधित है और भगवान शिव के भैरव स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। भैरव, भगवान शिव का क्रोधित रूप है, और इसलिए जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है, वह हमेशा भैरव की शरण में रहता है। यह रुद्राक्ष धारक को सुरक्षा, शक्ति और साहस प्रदान करता है, साथ ही साथ नकारात्मक ऊर्जा से भी रक्षा करता है।
Author – Amit Pradhan
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