पंद्रह मुखी रुद्राक्ष (#Pandrah/ 15 Mukhi Rudraksha) भगवान शिव के पशुपति स्वरूप का आशीर्वाद प्राप्त करता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति स्वाभाविक रूप से सभी जीवों के प्रति दया और करुणा का अनुभव करता है। यह रुद्राक्ष धारक को अच्छे भाग्य और धन की प्राप्ति कराता है, साथ ही यह किसी भी अप्रत्याशित संकट से रक्षा करता है और सभी प्रकार की बुराइयों को नष्ट करता है।
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष में एक से चौदह मुखी रुद्राक्ष की सभी शक्तियाँ समाहित होती हैं। इसका अधिपति ग्रह मंगल है, जो इसे विशेष बनाता है। यह रुद्राक्ष जीवन से जुड़ी सभी पंद्रह इच्छाओं जैसे प्रेम, ज्ञान, समृद्धि, और प्रसिद्धि की पूर्ति करता है, जो एक सफल जीवन के लिए आवश्यक हैं।
एक मुखी रुद्राक्ष की जगह पंद्रह मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी उतना ही शुभ माना जाता है। भगवान पशुपतिनाथ की कृपा से मनुष्य की पशु प्रवृत्तियाँ शांत हो जाती हैं, और यह रुद्राक्ष उन्हें आध्यात्मिकता के उच्च स्तर तक पहुँचने में मदद करता है।
१५ मुखी रुद्राक्ष के महत्व (15 Mukhi Rudraksha Importance):
- एक से चौदह मुखी रुद्राक्ष के सारे गुण विद्यमान है।
- १५ मुखी रुद्राक्ष आपके रास्ते से नकारात्मकता को हटाने, बाधाओं को दूर करने और आपको हानिकारक ऊर्जाओं से बचाने में मदद करता है।
- १५ मुखी रुद्राक्ष हमें उत्साही बनाता है एवं अपराध मुक्त करता है।
- यह रुद्राक्ष हमें आत्म साक्षात्कार कराने में मदद करता है।
- यह रुद्राक्ष आध्यात्मिकता और ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता है।
१५ मुखी रुद्राक्ष के लाभ (15 Mukhi Rudraksha Powerful Benefits):
- यह रुद्राक्ष बुद्ध ग्रह के दोषों को दूर करता है।
- यह रुद्राक्ष हमारे दिल को शांत रखता है और हमें बेशर्त प्रेम करना सिखाता है।
- यह व्यक्ति को आशावादी बनाता है एवं खुश रखता है।
- यह व्यक्ति के अंदर शांति लाता है और अज्ञानता और दुःख को काबू करने में हमारी मदद करता है।
१५ मुखी रुद्राक्ष के चिकित्सकीय लाभ (15 Mukhi Rudraksha Medical Benefits):
- १५ मुखी रुद्राक्ष ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों के इलाज में मदद करता है।
- यह एलर्जी और बुखार को ठीक करने में काम आता है।
- यह श्वसन संबंधी बीमारियों एवं अस्थमा जैसे रोगों को ठीक करने में सहायक होता है।
- यह व्यक्ति को शांति एवं अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करता है।
- यह व्यक्ति के अंदर नकारात्मक भावनाओं को दूर करता है।
१५ मुखी रुद्राक्ष के चक्र से सम्बन्ध: Chakra associated with 15 Mukhi Rudraksha
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष हमारे हृदय या अनाहत चक्र (Heart Chakra) को सक्रिय करता है। जब यह चक्र सक्रिय होता है, तो यह व्यक्ति को बिना शर्त प्यार करने की क्षमता प्रदान करता है। यह रुद्राक्ष प्रेम, करुणा और भक्ति के भावों को गहराई से विकसित करता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और संतुलन की वृद्धि होती है।
१५ मुखी रुद्राक्ष मन्त्र: 15 Mukhi Rudraksha Mantra
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र है: ‘ॐ श्रीं मनोवांछितं ह्रीं ॐ नमः’। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष पहनने से पहले और बाद में करने से अत्यधिक लाभ मिलता है। यह साधना आपको रुद्राक्ष की शक्तियों से जोड़ती है और आपके इच्छाओं की पूर्ति में सहायता करती है।
१५ मुखी रुद्राक्ष विशेष: 15 Mukhi Rudraksha Powerful uses
पंद्रह मुखी रुद्राक्ष चिंता और तनाव से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह मानसिक स्पष्टता और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, ध्यान के अभ्यास के दौरान सहस्रार चक्र या क्राउन चक्र को उत्तेजित करने के लिए भी इसे धारण करना लाभदायक होता है।
Author – Amit Pradhan
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